रांची । पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी केन्द्रीय मंत्रियों एवं भाजपा नेताओं ने जिस प्रकार तथ्यहीन बातें करते हुए भावनात्मक मुद्दों को उछाला और रघुवर सरकार की उपलब्धियों पर बात करने से परहेज किया है उससे जाहिर है कि राज्य सरकार ने विकास का कोई काम नहीं किया।
झारखण्ड चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सहाय ने गुरुवार को कहा कि 20 दिसम्बर को पांचवें चरण के साथ ही झारखंड विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया का पूरा अध्याय समाप्त हो जाएगा। उन्होंने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे हर हाल में मतदान करें क्योंकि यह केवल अधिकार नहीं बल्कि सभी की जिम्मेदारी भी है। देशभर में पिछले कुछ दिनों से नागरिक संशोधन कानून के विरुद्ध जारी आगजनी, हिंसा, हंगामा, तोड़फोड़ आदि घटनाओं की चर्चा करते हुए सहाय ने कहा कि इसकी पृष्ठभूमि में अन्य कारणों से कहीं ज्यादा मोदी सरकार के गैर जिम्मेदारी भरे निर्णय और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने का उतावलापन है।
सुबोधकांत सहाय ने जॉर्ज रूडे की पुस्तक ‘रेवोल्यूशनरी यूरोप’ का जिक्र करते हुए कहा कि 1789 में फ्रांस राज्यक्रांति के बाद फ्रांस ने जिन सिद्धांतों को अपनाया वह विश्व के लोकतंत्र में मील का पत्थर है क्योंकि उसमें नागरिक अधिकार और उच्च लोकतान्त्रिक सिद्धांतों की चर्चा है। यहां तक कि भारतीय संविधान में भी फ्रांसीसी क्रांति के संदेश को संवैधानिक स्वरूप दिया गया लेकिन अफसोस की बात यह है कि मोदी सरकार ने शपथ तो खाई है उसी संविधान की पर वह सभी सिद्धांतों, मूल्यों, विचारों की अवहेलना और जनभावनाओं को पूरी तरह नजरअंदाज कर मनमानी व ध्रुवीकरण पर उतर आई है, जो देशहित में खतरनाक है। उन्होंने दोहराया कि पूरे झारखण्ड में जनभावना एंटी इनकमबेंसी है और राज्य की जनता चुनाव में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन को भारी बहुमत से सत्ता सौंपने जा रही है। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार अब बस चंद दिनों की मेहमान है और वह अपने कर्मों का खामियाजा खुद ही भुगतेगी।
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